रातों को जाग कर चांद को घंटों निहारा है उस चांद में दिखता मुझे तेरा चेहरा प्यारा है फूलों की महक मुझे तेरी याद दिलाती है चिड़ियों की चहक में भी तेरी ही आवाज आती है जो हवाएं मेरे आस-पास हैं वो कहती है हर वक्त.... हम दूर रहकर भी पास-पास हैं चेतना विनय तिवारी ©Chetna Vinay Tiwari आस-पास