यूं कतरा–कतरा मिटा रहा हूं, अपनी हस्ती को, शायद खुद ही जला रहा हूं, अपनी हस्ती को, सब छोड़ के, सारे दुख जिए जा रहा हूं, जला के अपनी बस्ती को।। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #हस्ती #बस्ती #दुख