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सरसों फूली पिली पिली , गेहूं की बालियां सपनीली, पे

सरसों फूली पिली पिली ,
गेहूं की बालियां सपनीली,
पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन ,
उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१)

आओ मिलकर ख़ाब गिनाए,
किसके ज्यादा किसके कम ।
उम्मीदों की डोर से बंधकर,
उड़े अपनी पतंग हरदम । (२)

हैं ज़िन्दगी गर पथरीली ,
तो पत्थरचट्टा क्यों न उगाये ।
सबकों ख्वाहिश है फूलों की ,
हम तुम काँटो को रिझाये । (३)

है धुंआ अगर ज़िन्दगी तो ,
इसको छल्लों में उड़ाए ।
ज़िन्दगी है अगर पतंग तो ,
सातवे आसमा पर उड़ाए । (४)

जीवन सुखदुख भरी टोकरी ,
अपनी पसंद की खुशियां छाँटे ।
जिस तक न पहुँची है अब तक ,
उस तक खुशियो के पल बांटे ।। (

©Rajesh Raana
  #makarsakranti #life #Festival #Nojoto 

सरसों फूली पिली पिली ,
गेहूं की बालियां सपनीली,
पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन ,
उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१)

आओ मिलकर ख़ाब गिनाए,
rajeshsuryavansh1699

Rajesh Raana

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#makarsakranti life #Festival Nojoto सरसों फूली पिली पिली , गेहूं की बालियां सपनीली, पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन , उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१) आओ मिलकर ख़ाब गिनाए, #कविता

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