Nojoto: Largest Storytelling Platform

जो खुद गुलिस्तां है, उसे गुलाब क्या दूँ, खुदा की श

जो खुद गुलिस्तां है,
उसे गुलाब क्या दूँ,
खुदा की शक्ल में आया है,
महताब क्या दूँ ।
रहमत की बारिश है वो,
इख्लास की गुज़ारिश है वो,
इक़बाल बनकर आया है,
कुदरत की फरमाइश है वो ।
जाजि़ब आश्ना को सौगात क्या दूँ,
ज़ौ को इख्तियार क्या दूँ,
जो खुद गुलिस्तां है,
उसे गुलाब क्या दूँ । क्या दूँ
जो खुद गुलिस्तां है,
उसे गुलाब क्या दूँ,
खुदा की शक्ल में आया है,
महताब क्या दूँ ।
रहमत की बारिश है वो,
इख्लास की गुज़ारिश है वो,
इक़बाल बनकर आया है,
कुदरत की फरमाइश है वो ।
जाजि़ब आश्ना को सौगात क्या दूँ,
ज़ौ को इख्तियार क्या दूँ,
जो खुद गुलिस्तां है,
उसे गुलाब क्या दूँ । क्या दूँ
ritusingh6814

Ritu Singh

New Creator

क्या दूँ