सुबह को देख, शाम की याद आती है कभी समझ लेना प्यार की, शुरुआत होने लगी है जब उठते साथ ही, महबूब याद आने लगे समझ लेना दूरियाँ सताने लगी है 'यूँही' भीड़ में रहकर भी अकेला रहता है दिल समझ लेना तनहाईयाँ रास आने लगी है दिल अगर दर्द को छिपाने लगे कभी समझ लेना गहराइयां भानें लगी है - yuhee OPEN FOR COLLAB✨ #ATspecialmorningbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.