Nojoto: Largest Storytelling Platform

इश्क़ के मारे है हम , इस क़दर कोई आलम तो पुछे । इंत

इश्क़ के मारे है हम , इस क़दर कोई आलम तो पुछे  ।
इंतज़ार अभी बाक़ी है उनका , कोई हाल तो पुछे।।

दीदार को  तरसे हम , उनकी चमकती आँखों का कोई राज़ पूछे।
बेख़बर है वो हमसे ऐसे , बातों-बातों में कोई हमारी बात पुछे।।

परेशान है उनके जवाब से , कोई सही जवाब तो पुछें।
ग़र है मोहब्बत तो हमसे , कोई नज़रे मिला कर पुछें।।

खामोश है एक असरे से हम , कोई हाल-ऐ-दिल तो पुछे।
आँखों का इशारा काफी है , कोई दिल-ऐ-दास्तान तो पुछे।।

जिस्म को नही रूह को तरसे है , हमसे रूह ही पुछे।
मिलेंगे ऐसे फिर कब , सागर को कोई किनारा पुछे।।
                                                          -🖋️मेरी_रूह #poetry
इश्क़ के मारे है हम , इस क़दर कोई आलम तो पुछे  ।
इंतज़ार अभी बाक़ी है उनका , कोई हाल तो पुछे।।

दीदार को  तरसे हम , उनकी चमकती आँखों का कोई राज़ पूछे।
बेख़बर है वो हमसे ऐसे , बातों-बातों में कोई हमारी बात पुछे।।

परेशान है उनके जवाब से , कोई सही जवाब तो पुछें।
ग़र है मोहब्बत तो हमसे , कोई नज़रे मिला कर पुछें।।

खामोश है एक असरे से हम , कोई हाल-ऐ-दिल तो पुछे।
आँखों का इशारा काफी है , कोई दिल-ऐ-दास्तान तो पुछे।।

जिस्म को नही रूह को तरसे है , हमसे रूह ही पुछे।
मिलेंगे ऐसे फिर कब , सागर को कोई किनारा पुछे।।
                                                          -🖋️मेरी_रूह #poetry