किसी ने किया खूब कहा हैं एक शायर को ना कोरे पन्ने पर अपने जज़्बात लिखने से पहले अपने जख्म के एहसासों को ना दिल में उतारना पड़ता है अपना दर्द शब्दों में लिखने से पहले उस दर्द को कई बार महसूस करना पड़ता है और इस दुनिया के सामने अपने शब्दों को ब्याह करने के बाद जब लोग वाह वाह कह देते है ना उन्हें किया पता अपने जख्म भरे एहसासों को ब्याह करते समय एक शायर को हर बार बिना आंसुओं के रोना पड़ता है। © MUSKAN SHARMA #जसबाद #सायरी_दिल_से #SunSet