आसिफा, आयशा, या , टिंवकल जो भी इनका दोषी हो । ऐसी दुष्कर्मी दानव का मृत्युदंड या फांसी हो।। नेताओं ने वोट के लिए बस अपनी रोटी सेकी है। समानता का अधिकार मिले बेटा हो या फिर बेटी हो।। अब भारत में बेटी होना क्या सबसे बड़ी गलती है। डर भी मन में बैठ गया जब घर से वह निकलती है।। मानवता शर्मसार हुई ,हनन हुआ विचारों का। कैसी कुदृष्टि पड़ी भारत पर निंदनीय अत्याचारों का।। आखिर उन पर क्या बीती होगी और उनके परिवारों का। कैंडल उठाना अब बंद करो अब समय है तलवारों का।। ऐसे दुष्कर्मी दानव का सर अब तलवारों से काटा जाए। फिर इनके सर को लाकर कुत्तों में बांटा जाए।। हम भारत के लोगों को अब दृढ़ इच्छा करनी होगी। अत्याचार बंद ना हुआ तो भारत माता छलनी होंगी।।।। ✍️✍️ सत्यवीर सिंह कैसी कूदृष्टि पड़ी भारत पर