बहुत हुआ खोजते रहे हम इस गलि उस गलि तुम्हे और तुम्हारी बातो को अब तो बदलते शहरो से बदलती बातें करेगे कुछ होगा न होगा सफर में अजनबियो से ही मुलाकते करेगे जो अपनाकर छोड़ देना वो कागज की कलम बनकर दिन रात खुद को तालाशा करेगे कभी पढना नाम तुम्हारा तुम हमारी किताबो के पन्नो में हम तल्लुख बदल बदल कर लिखेगे #NojotoQuote