यात्रा सतत है तो वक्तव्य भी निरंतर नूतन रहें आवश्यक है, प्रत्येक कथन का खंडन उस काल उपरांत अनिवार्य है, यदि यात्रा सतत जारी रखनी है। धारणाओं की महत्ता भी तब है जब वो खण्डित हो नई धारणाओं का जन्म हो। 'मनु' यात्रा