दुनिया की असलियत जब परेशान हो गए अपने-आप से और थकने लगे अपने बुने जाल से तब किसी ओर को फंसाते हैं अपनी गलतियों का ठीकरा दूसरे के सिर फोड़ खुश हो जाते है असलियत दुनिया की