आदमीयत जो हिन्दु है तो, गुमां कैसा जो बुरा है वो, मुसलमां कैसा अदमियत को आदमी दुश्मन बना बैठा जो दुश्मन है, वो भला इंसा कैसा इल्म जो बाक़ी ही नहीं इंसानो में , मानो तो पत्थर, नही तो ख़ुदा जैसा _______________राहुल दयाल_✍️ #Hope #in #India #Indian #Poetry