सपनों के आसमान को हम मेहनत की उड़ान से छुना जानते है, ज़ोर और ज़ुल्म तुम आज़माओ हम हिम्मती कलाम को लिखना जानते है, बेबस और लाचार समझने की हमें, तुमने सदियों से भूल कर रखी है, हम तो वो है जो मौत के बाद भी कब्रिस्तान से उठना जानते है। -सुमीत "विद्रोही"(ये शेर उन छात्रों के लिए जो अभी आंदोलन कर रहे है) #SpeakUpForSSCRailwaysStudents #studentrevolution #studentlife #reading