आते जाते राह ठहर मेरे बाग एक,दो पहर हवा में मेरी है असर उमड़े हृदय प्रेम सुंदर मुखरित रूप लहर... एक राह है,मेरा भँवर वाहक मैं बन जाऊंगा गुलाब कहलाऊंगा। तेरे इश्क में छुपती हूँ खुद से लग ना जाऊ कहीं तेरे वजूद से.. हाय! तेरे इत्र की महक तो भरती हूँ.. मैं तुमसे शर्मिला सा इश्क करती हूँ.. 😍 #मोंगरेसाइश्क़ #मोगरेसाइश्क़मेरा #इश्कमोगरेसा