वे वहशी जो कातिल है, वे वहशी जो जाहिल है. शायद माँ की ही कोख में पले होंगे किसी माँ की अंगुलियां पकड़ चले होंगे फिर वे क्यों नाकाबिल है वे वहशी जो कातिल है माँ का दूध नहीं, शायद खून पिया होगा वह जगह जहन्नुम होंगी, जहाँ जिया होगा क्या उसकी जिंदगी फाजिल है वे वहशी, जो कातिल है परवरिश में शायद पिलाया होगा जहर जो गिर सकते हैवानियत तक इस कदर लगता है वे इंसा बेदिल है वे वहशी जो कातिल है ©Kamlesh Kandpal #whashi