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दिन का राजा चल दिया,अस्ताचल की ओर। साँझ सुहानी आ

दिन का राजा चल दिया,अस्ताचल की ओर। 
साँझ सुहानी आ गई, थामे दिन की डोर।। 

स्वागत आतुर साँझ है,आ पूनम की रात। 
क्षण भर तो आ मिल गले, हँसकर करले बात ।। 
सुनीता बिश्नोलिया © ® #संध्या #शाम
दिन का राजा चल दिया,अस्ताचल की ओर। 
साँझ सुहानी आ गई, थामे दिन की डोर।। 

स्वागत आतुर साँझ है,आ पूनम की रात। 
क्षण भर तो आ मिल गले, हँसकर करले बात ।। 
सुनीता बिश्नोलिया © ® #संध्या #शाम