वो मुझ से अजनबी सही,मगर मेरा ग़म-गुसार है.. वो मेरा कभी ना ख़त्म होने वाला इंतज़ार है.. दरमियां हमारे शनासाई नहीं है फिर भी, उसकी बातों पर मुझे एतबार है.. उसके ना होने से भी शादाब हूं मैं, मगर वो है तो दिल गुलज़ार है.. यक़ीनन मुझे इश्क़ मोहब्बत पर यक़ीन ना था, मगर यक़ीन मानो उससे मुझे बेतहाशा प्यार है.. ग़म-गुसार- हमदद॔ शादाब- हरा-भरा शनासाई- परिचय/जान-पहचान ©Chanchal Chaturvedi #ग़म_गुसार #Chanchal_mann #Shayari #nazm #poem #writer #outofsight