तांडव मैं नृत्य भी मैं हूं, शांत मैं रौद्र भी मैं हूं, प्रेम भी मैं, कष्ट भी मैं हूं, सूर्योदय मैं अस्त भी मैं हूं, जग मिथ्या है केवल सत्य मैं हूं। ©Gunjan Rajput तांडव मैं नृत्य भी मैं हूं, शांत मैं रौद्र भी मैं हूं, प्रेम भी मैं, कष्ट भी मैं हूं, सूर्योदय मैं अस्त भी मैं हूं, जग मिथ्या है केवल