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गिले - शिकवे करके जुदा होते तो यकीन होता, कि तेरे

गिले - शिकवे करके जुदा होते तो यकीन होता, 
कि तेरे गुनहगार हैं हम दिल को ये सुकून होता l
खामोश मुस्कराहट लिए मुड़ गए राहों में सनम, 
बिखरते न यूँ 'तरंग' जो हमसे कोई कसूर होता ll








                              ....... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 💕💕तेरी यादों के झरोखों से.....
गिले - शिकवे करके जुदा होते तो यकीन होता, 
कि तेरे गुनहगार हैं हम दिल को ये सुकून होता l
खामोश मुस्कराहट लिए मुड़ गए राहों में सनम, 
बिखरते न यूँ 'तरंग' जो हमसे कोई कसूर होता ll








                              ....... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 💕💕तेरी यादों के झरोखों से.....