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White हवाएँ ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बन कर मगर

White हवाएँ ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बन कर 
मगर जो घिर के आता है वो बादल छा ही जाता है...

शिकायत क्यूँ इसे कहते हो ये फ़ितरत है इंसाँ की 
मुसीबत में ख़याल-ए-ऐश-ए-रफ़्ता आ ही जाता है...

©꧁ARSHU꧂ارشد
  हवाएँ ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बन कर 
मगर जो घिर के आता है वो बादल छा ही जाता है...

शिकायत क्यूँ इसे कहते हो ये फ़ितरत है इंसाँ की 
मुसीबत में ख़याल-ए-ऐश-ए-रफ़्ता आ ही जाता है...

 sana naaz rasmi Mahi jhanvi Singh Monika Rathee (Raisin Vimal)

हवाएँ ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बन कर मगर जो घिर के आता है वो बादल छा ही जाता है... शिकायत क्यूँ इसे कहते हो ये फ़ितरत है इंसाँ की मुसीबत में ख़याल-ए-ऐश-ए-रफ़्ता आ ही जाता है... @sana naaz @rasmi @Mahi @jhanvi Singh @Monika Rathee (Raisin Vimal) #Shayari

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