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उसको दी जिसने भी गाली, भेद डाली थी मैंने उन सब की

उसको दी जिसने भी गाली, भेद डाली थी मैंने उन सब की
सुरक्षा प्रणाली, पर चोट तब पहुंचती थी,
जब वो खुद ही को दे गाली, क्या हो गया था तुझको pumpkin,
कब और कैसे गिर गई थी, तू खुद की नज़रों में,
सिर्फ़ एक बार तो बताती मुझको, छल्ली कर दिया था तूने यह कहकर मुझे,
कि तू मेरे पाऊं की धूल सी है, मैं तेरे लिए दुनिया से लड़ता गया,
पर जब तूने देनी शुरू करी गाली खुदको तो तुझसे कैसे लड़ पाता, 
दोस्त ही नहीं प्यार करता था तुझसे, क्या हुआ था ऐसा,
जो तूने हम दोनो के अंत का फ़रमान निकाल डाला, 
या वो सब था सिर्फ एक ड्रामा, और मैं ही सालों तक बेवकूफ बनता आया,
आभारी हूं तेरा जो तूने झूठे इल्जाम लिए वापिस, पर क्या भूल हुई थी मुझसे
जो मुझे इतना सब झेलना पड़ा, तन मन धन से शून्य कर तू चली गई,
और एक दिन कहा कि तुझे कुछ याद नहीं!! it's ok क्यूंकि तुझे माफ़ करना तो है
ईश्वर के हाथ, लग गए दो बरस मुझे उस थामे हाथ द्वारा झुटलाय जाने से
उभरने में, तेरह साल की मित्रता को भी रौंध डाला। god bless you,
क्योंकि मेरा दिल नहीं है काला, पर वो होली थी काली,

©Akhil Kael
  heartache
akhilkael0764

Akhil Kael

Silver Star
Super Creator

heartache #Love

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