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सूरज की गर्मी झुलसाये या रात अँधेरी भरमाये पावों

सूरज की गर्मी झुलसाये
या रात अँधेरी भरमाये 
पावों मे छाले पड़ जाये
आँखो से अश्क निकल जाये
पर तू ना तनिक भी घबराना 
बिन भय के पथ पर बढ़ जाना

©Abhishek Kumar(ABHI) #fivelinepoetry
सूरज की गर्मी झुलसाये
या रात अँधेरी भरमाये 
पावों मे छाले पड़ जाये
आँखो से अश्क निकल जाये
पर तू ना तनिक भी घबराना 
बिन भय के पथ पर बढ़ जाना

©Abhishek Kumar(ABHI) #fivelinepoetry