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लहरें पटख़ रहीं हैं सर अब तक फ़ुरात की पानी से रुख

लहरें पटख़ रहीं हैं सर अब तक फ़ुरात की 
पानी से रुख़ जो... फेर लिया था.. हुसैन ने 

لہریں پٹخ رہی ہیں سر اب تک فرات کی 
پانی سے رخ جو... پھیر لیا تھا حُسین نے ,, #Fizza__ke__Qalam__se

#river
लहरें पटख़ रहीं हैं सर अब तक फ़ुरात की 
पानी से रुख़ जो... फेर लिया था.. हुसैन ने 

لہریں پٹخ رہی ہیں سر اب تک فرات کی 
پانی سے رخ جو... پھیر لیا تھا حُسین نے ,, #Fizza__ke__Qalam__se

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