अब लौट भी नहीं सकता पिछे मुडकर देख भी नहीं सकता इन रास्तों से मंजिल और भी दूर लग रही है पर तुम्हें पाने की चाहत में ये भी सफर हसीन हो गया है फर्जी शायर आज सुबह का #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। रास्ता तो कोई भी भटक सकता है मगर मंज़िल पर पहुँचते वही हैं जो उस भटकाव से सबक़ लेते हैं और अपनी यात्रा को सुनियोजित करते हैं। #atरास्ताभटकना #भटकना #collab #yqaestheticthoughts #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सफर_ए_इश्क़