अंग्रेजों से आजाद हो अग्रजों ने चलाया ये देश ! कंगाली से बाहर निकल आत्मनिर्भर बन पाया देश !! चार दशक तक जितनी चादर उतने पैर पर चला देश ! अगले चार दशकों में चादर बाहर पैर पसारने लगा देश !! विकास हुआ पर विदेशी कर्ज़ बढ़ गया इस कदर ! ब्याज चुकाने भर की रकम जुटा रहे और कर्ज लेकर !! माफियाओं के हाथों में जा पहुंचा है देश ! शिक्षा और चिकित्सा माफिया से त्रस्त हुआ देश !! छात्रों को पढ़ाई के लिए लड़ाई करनी पड़ रही ! बीमारियां बढ़ाने की मिलावटी सामग्री खुलेआम बिक रही !! मीडिया इस कदर बाजारू हो गया है ! खोजी पत्रकारिता का शब्द ही खो गया है !! झूठी खबरो अफवाहों से मेन व सोशल मीडिया भरा पड़ा है ! ज़मीनी सच जानने का जरिया ही नहीं बचा है !! राजनीति निम्नतम स्तर पर पहुंच इतरा रही है ! नीतिमत्ता का कहीं कोई नामोनिशॉ नहीं है !! कई बुद्धिजीवियों पर भी हुए खुलेआम जानलेवा हमले ! बचे खुचे बुद्धिजीवी हौसला गवां शांत बैठे हैं डरे सहमे !! युवाओं से ही उम्मीद है इस देश को अब ! एकजुटता से जी जान लगा जुट जाओ सब !! नाना प्रकार के धड़ों में बंट, अपनी ताकत न घटाओ ! देश को हर हाल में इन माफियाओं के चंगुल से छुड़ाओ !! ज्याहिंद👍👍👍 - आवेश हिन्दुस्तानी 23.06.2024 ©Ashok Mangal #RepublicDay #AaveshVaani #JanMannKiBaat #neet2024