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आज मैंने किसी को जाता देखा ऐ खुदा ये मैंने क्या दे

आज मैंने किसी को जाता देखा
ऐ खुदा ये मैंने क्या देखा
किसी के सर से बाप का साया छीन गया
एक बेटा अपनी बूढ़ी मां को बिलखता छोड़ गया
सब की आंखों से निकलता आंसू बस यही चीख चीख के कह रहा था
ये क्या हुआ.. ये क्यूं हुआ... किसलिए हुआ

जो किसी के माथे का चमकता सिंदूर ले गया
तो किसी के चेहरे की मुस्कान ले गया

ऐ जिंदगी गुज़ारिश है तुझसे
इतना रूसवा ना हुआ कर किसी से
तू एक की जिंदगी तो ले जाता है
पर पिछे दुखों का पहाड़ छोड़ जाता है

©Sushmita Singh ऐ ज़िंदगी गुज़ारिश है तुझसे

#Olympic2021
आज मैंने किसी को जाता देखा
ऐ खुदा ये मैंने क्या देखा
किसी के सर से बाप का साया छीन गया
एक बेटा अपनी बूढ़ी मां को बिलखता छोड़ गया
सब की आंखों से निकलता आंसू बस यही चीख चीख के कह रहा था
ये क्या हुआ.. ये क्यूं हुआ... किसलिए हुआ

जो किसी के माथे का चमकता सिंदूर ले गया
तो किसी के चेहरे की मुस्कान ले गया

ऐ जिंदगी गुज़ारिश है तुझसे
इतना रूसवा ना हुआ कर किसी से
तू एक की जिंदगी तो ले जाता है
पर पिछे दुखों का पहाड़ छोड़ जाता है

©Sushmita Singh ऐ ज़िंदगी गुज़ारिश है तुझसे

#Olympic2021