कुछ अजीब सा लगता है आजकल और साँसे भी कम होती जा रही हैं, कैसे बयाँ करूँ इन कागज के पन्नों पर कि आज तुम्हारी बहुत याद आ रही है, मेरे हाथ की रेखाओं में कुछ खास नहीं है जनाब ये तो तुम भी मुझे याद कर रही हो इसलिए बरसात आ रही हैं ॥ ©Ritik Nehra RITIK NEHRA #Mountains