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#OpenPoetry आज फिर से शाम बेईमानी कर गयी फिर तिरी

#OpenPoetry आज फिर से शाम बेईमानी कर गयी
फिर तिरी  यादो को  ताज़ा कर गयी
जो नही  चाहता था  मैं, वो  ये शाम
    मुझे फिर से  तिरा दीवाना कर  गयी ।। #yeshaam#vikassinghbaghel
#OpenPoetry आज फिर से शाम बेईमानी कर गयी
फिर तिरी  यादो को  ताज़ा कर गयी
जो नही  चाहता था  मैं, वो  ये शाम
    मुझे फिर से  तिरा दीवाना कर  गयी ।। #yeshaam#vikassinghbaghel
vikasbaghel8466

Vikas Baghel

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