#OpenPoetry आज फिर से शाम बेईमानी कर गयी फिर तिरी यादो को ताज़ा कर गयी जो नही चाहता था मैं, वो ये शाम मुझे फिर से तिरा दीवाना कर गयी ।। #yeshaam#vikassinghbaghel