मेरे मन के भीतर देखो एक आश का अंश लिए हूं कण कण क्षण का प्यासा है प्रकृति का अंस लिए हूं खामोश है मगर मौन नहीं रहता है अंतःकरण में क्षोभ नहीं प्रसन्नता का अनंत भाव लिए कलम का ओज लिए हूं। ©Shilpa yadav #WorldPoetryDay #WorldPoetryDay #nojotohindi #nojotoenglisj #nojotonews