हाथ जोड़े नतमस्तक होकर आओ सब शीश झुकाएँ। आज नहीं तो कल सुन लेगा प्रार्थना प्रभु को बुलाएँ।। इस विकट परिस्थिति में एक आस आपका है प्रभु। आकर बचा लो हम सब को पृथ्वी संकट में है प्रभु।। न कुछ बताने को बचा है न कुछ सुनाने को बचा है। ये तो हमारे गुनाहों की सजा लगता है बचा लो प्रभु।। न अब हम बुरे कर्म कर किसी की दिल दुखायेंगे। बड़े बुजुर्गों की सेवा कर सत्य मार्ग हम अपनायेंगे।। जीव जन्तु पशु पक्षी से अपनत्वअब हम अपनायेंगे। पृथ्वी सबकी है सभी मिल झूल कर जीवन चलायेंगे।। सेवा सत्कर्म कर नीत आपके चरण हम पखारेंगे। दया धर्म सत्य अहिंसा का पाठ हम दुनिया को पढायेंगे।। ©Raja Chandrakar #prarthana #Prabhu #Vandna #hanumanjayanti