उसको परेशान करता रहा बस बात करने केे लिए, न समझ पाया मजबूरी अपने फायदे केे लिए; लो अाज देता हूँ दिल से वक़्त उसे जीने केे लिए, भरोसा है की एक दिन लौटेगा वो मेरी खुशियों केे लिए; भीख में चावल दिया तो सोने की मुँहर मिला था किसी को ... हमने तो पूरा वक़्त दिया है ,जरुर मिलेगा प्यार मेरे भी इंतज़ार को |||| Guru GYAN ©Gyan Prakash Guru Gyan