ना जाने किस कस्माक्स मैं गुजर रही है ये जवानी,,, तुम ना जाने कल के लिए क्या क्या समेटे फिर रहे हो , सब एक दिन खाक हो जाएगा बस बचेगी तो एक अनसुनी कहानी ,।। शादाब कमाल