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"साँप! तुम सभ्य तो हुए नहीं- नगर में बसना भी तुम्ह

"साँप! तुम सभ्य तो हुए नहीं-
नगर में बसना भी तुम्हें नहीं आया।
एक बात पूछूँ- (उत्तर दोगे?)
तब कैसे सीखा डँसना- विष कहाँ पाया?"

©HintsOfHeart.
  #अज्ञेय   
#जन्मजयंती💐

अज्ञेय   जन्मजयंती💐 #कविता

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