Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुलग रहें हैं ख़ुद ही हम आँच की तरह, फिर भी चुभ रहे

सुलग रहें हैं ख़ुद ही हम आँच की तरह,
फिर भी चुभ रहे हैं औरों को कांच की तरह..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #sadak #kaanch