रूप का श्रृंगार तुम हृदय की रसधार तुम जीवन का उदिप्त तेज तुम हर छण की पहचान तुम रिश्तों रश्मों को संवारती अद्वितीय सृष्टि तुम बुझे अंतरात्मा की महात्मा तुम संवेदना की असीम प्रकाष्ठा तुम विचलित विमुख प्रणय मुस्कान तुम मेरी सर्वोतम सम्मान तुम कैसे लिख गया कविता मैं तुच्छ शख़्स संपूर्ण सृष्टि की अलौकिक बखान तुम #midnightpoems #dedicatedtosomeone ........k❤😘😘😘😘 #lovspoetry #yqdidi #yqbaba #kunu