एक झलक' किस्मत किसी की इतनी भी अजीब ना हो एक झलक हुस्ने यार की नसीब ना हो.. तड़पती नज़रों को उसका दीदार ना हो मयस्सर हसरत इतना भी कोई बद नसीब ना हो... मुझ में समा के उसने मेरी हस्ती मिटा दी करीब तो हो लेकिन इतना कोई करीब ना हो.. #Ekjhalak