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काश के तुम.. .... वही तुम बन जाओ ...... मन के कोन

काश के तुम..  ....
वही तुम बन जाओ ......
मन के कोने से निकलकर सामने आ जाओ 
और
 वो पंखुडियां जो तुमने संभाल रखी हैं .....
मेरे व्याकुल से मन पर बिखेर जाओ ......
फिर से तुम.. तुम बन जाओ ....
तू मेरे लिये थी , मैं तेरे लिये था ..... 
यहीं सच था , बाकी सब फरेब था .....
तेरी नासमझी ने क्या खूब असर दिखाया ... 
एक दूसरे की आखों ने आँशु की तरह बहा दिया ..... 
ये कैसा रेखाओं का मिलन था मेरा तुम्हारा .... 
हम एक दूसरे के होकर भी एक दूसरे के हो न सके ....
पडेसान हूँ आवारगी से तुम्हारे ए मन बाबड़े ....
जमाना बाज़ नहीं आते ताना देने से ,
यूँ ना भटका कर जहां तहां मन बाबड़े ....
एहसास करा देतीं है रूह जिनसे बातें नहीं होती ......
मुँहब्बत उनसे भी करते हैं जिनसे कभी मुलाकातें नहीं होती ....
पहले चीखना चिल्लाना फिर सिसकना और फिर खुद चुप हो जाना..
तेरे बाद मेरा दिल किसी बिन माँ के बच्चे की तरह रहता है .....

🤔निशीथ🤔

©Nisheeth pandey
  काश के तुम..  ....
वही तुम बन जाओ ......मन के कोने से निकलकर सामने आ जाओ 
और
 वो पंखुडियां जो तुमने संभाल रखी हैं .....
मेरे व्याकुल से मन पर बिखेर जाओ ......
फिर से तुम.. तुम बन जाओ ....
तू मेरे लिये थी , मैं तेरे लिये था ..... 
यहीं सच था , बाकी सब फरेब था .....

काश के तुम.. .... वही तुम बन जाओ ......मन के कोने से निकलकर सामने आ जाओ और वो पंखुडियां जो तुमने संभाल रखी हैं ..... मेरे व्याकुल से मन पर बिखेर जाओ ...... फिर से तुम.. तुम बन जाओ .... तू मेरे लिये थी , मैं तेरे लिये था ..... यहीं सच था , बाकी सब फरेब था ..... #कविता #baarish #sparsh #talaash #Streaks #Chhuan #Baagh #Parchhai #Sunhera #BehtaLamha #ChaltiHawaa

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