बहुत जी लिए सबसे मन मुताबिक, अब बसाना है अपना इक जहान मुझको अब छूना है आसमान दूसरों के लिए जीते आए हम, ख़ुद को कर दिया हमने कुर्बान मुझको अब छूना है आसमान पंख पसारने हैं अपने, ख़ुद को दिलाना है सम्मान मुझको अब छूना है आसमान हर तमन्ना अपनी करनी है पूरी, पाना है अपने सब्र का ईनाम मुझको अब छूना है आसमान उड़ कर पहुँच जाऊँगी मैं मंज़िल तक, नहीं करना अब मुझको आराम मुझको अब छूना है आसमान ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1098 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।