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हम सब कहीं ना कहीं जल रहें हैं, कोई विरह की आग में

हम सब कहीं ना कहीं जल रहें हैं, कोई विरह की आग में तो कोई प्रेम में, कोई ईर्षा में तो कोई प्रतिस्पर्दा में, कोई गुरूर में तो कोई झूठी शान में, कोई सत्ता की शक्ति में तो कोई दौलत में यहां हर कोई जल रहा है ,पर एक दिन ऐसा जरूर आएगा सबकुछ एकदम से राख हो जाएगा मिट्टी में मिलकर सब ख़ाक हो जाएगा।

 #कौशिक_की_कलम✍️

©Kaushik Ki Kalam #kaushikji #Kaushik_ki_kalam #KaushikKiKalam #writer #thought #Hindi #Self #selfcare 
#Fire
हम सब कहीं ना कहीं जल रहें हैं, कोई विरह की आग में तो कोई प्रेम में, कोई ईर्षा में तो कोई प्रतिस्पर्दा में, कोई गुरूर में तो कोई झूठी शान में, कोई सत्ता की शक्ति में तो कोई दौलत में यहां हर कोई जल रहा है ,पर एक दिन ऐसा जरूर आएगा सबकुछ एकदम से राख हो जाएगा मिट्टी में मिलकर सब ख़ाक हो जाएगा।

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