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मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था, एक मैं ही अके

मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था,
एक मैं ही अकेला था, बाकि सारा काफिला भी उसका था,
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था।

©Angelika Hans
  Kuch to bata Zindagi

Kuch to bata Zindagi #Shayari

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