|अब के सावन| | अब के सावन | अब के सावन तुम फिर वही रंग लेकर आना, दोस्ती के लिबास में कुछ मुहब्बत अपने संग भर लाना माना तुम्हें दिल्लगी किसी ओर से है, लेकिन इस बरस इस सफ़र में तुम अपना दिल महफ़िल की शोर में रख, कुछ पल के लिए मेरा बन जाना,