कि... कुछ लिखा हुआ ना था उन पन्नों में सिर्फ जज़्बातों को मोड़ कर फेंक दिया था, मानो जैसे उसे पता हो कि.... सारा बेलिख़ा हम चेहरे से पढ़ लेंगे...!! ©PUSHKAR MISHRA #BookLife Praveen Jain "पल्लव" indira