फूल डाल के होते तो कुछ और बात होती, कागज़ के फूल से खुश्बू आए कैसे, दाग कपड़ो पर लगते तो कुछ और बात होती, दिल की दाग मिटाए कैस, बात गैरों के होते तो कुछ और बात होती, अपनो से बाते छिपाए कैसे, ये दर्द किसी अपने ही ने दिया है, बताओ अब ये ज़ख्म दिखाए कैसे। ©Shamashad Ali Sangam dil ke zakhm dikhaye kaise😐 #Nowadays