मेरे ख्वाबों में याद में और खयालों में तू है... मेरी नज़रों की गुस्ताखियां तुझ तक है , मेरी बेबाक मोहब्बत तुझ तक है , मचलती सांसों को मेरी , बस तेरी ही आरज़ू है और क्या कहूं , जानेवफ़ा ! मेरी हदों का होना तू है ......!!!!! रुह की कंपकंपाती आवाज में तू है ,