Nojoto: Largest Storytelling Platform

वक्त की कश्ती किसी दरिया के तूफाँ से नहीं ड़रती, न

वक्त की कश्ती किसी दरिया के तूफाँ से नहीं ड़रती, 
न रूकती,न ड़ूबती,न कुछ कहती बस चलती रहती; 
और चलते-चलते पार कर जाती है बड़े से बड़े सैलाबो को,
इसलिए क्यों खड़े हो किनारे पर आओ इस कश्ती पर सवार हो और निकल पड़ो अपने उज्ज्वल कल की ओर......

 #कश्ती
वक्त की कश्ती किसी दरिया के तूफाँ से नहीं ड़रती, 
न रूकती,न ड़ूबती,न कुछ कहती बस चलती रहती; 
और चलते-चलते पार कर जाती है बड़े से बड़े सैलाबो को,
इसलिए क्यों खड़े हो किनारे पर आओ इस कश्ती पर सवार हो और निकल पड़ो अपने उज्ज्वल कल की ओर......

 #कश्ती