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ज़नाब एक चप्पल भी कितना कुछ सह जाती है पर फिर भी स

ज़नाब एक चप्पल भी कितना कुछ सह जाती है
पर फिर भी सर पर नहीं पैरों में ही भाती है,
तू इंसान भी कितना स्वार्थी है,
गलतीयां तो इनके साथ करता 
और मिटाने अकेला ही जाता है,
कुछ साथ निभाना इनसे भी सीख लो
चलें तो दोनों साथ- साथ वरना
अकेले होने पर अपना अस्तित्व खो देतीं हैं,
ज़नाब ये चप्पल है चप्पल पैरों में ही भाती है,
हो गुमान तुम्हें इन पर कितना भी
पर ये जमीनों पर ही भाती है,
ज़नाब आखिर चप्पल है चप्पल पैरों में ही भाती है
पर इंसानों को कितना कुछ सीखा जाती है|
-Smriti Gupta- #Chappal 🥿🥿
ज़नाब एक चप्पल भी कितना कुछ सह जाती है
पर फिर भी सर पर नहीं पैरों में ही भाती है,
तू इंसान भी कितना स्वार्थी है,
गलतीयां तो इनके साथ करता 
और मिटाने अकेला ही जाता है,
कुछ साथ निभाना इनसे भी सीख लो
चलें तो दोनों साथ- साथ वरना
अकेले होने पर अपना अस्तित्व खो देतीं हैं,
ज़नाब ये चप्पल है चप्पल पैरों में ही भाती है,
हो गुमान तुम्हें इन पर कितना भी
पर ये जमीनों पर ही भाती है,
ज़नाब आखिर चप्पल है चप्पल पैरों में ही भाती है
पर इंसानों को कितना कुछ सीखा जाती है|
-Smriti Gupta- #Chappal 🥿🥿