डूब जाओ या फिर आँखों में ही क़ैद कर लो अश्क सभी। अश्क के समन्दर में किनारा हम खो ही देंगें एक दिन । खुद ही की आँखों की तरल गहराईया बोलती हैं । कोई भी बोलता नहीं जब तनहाइयाँ बोलती हैं । ऐसे में अक्सर दीवारों से उतर कर परछाईयां बोलती हैं । खुद के जज्बात करवटें लेते हैं अक्सर जब दूर कहीं शहनाईयाॅ बोलती हैं । #nojotoquotes #tanhayi #parchaiya #ruswayiya #dilse #thoughts