तेरी याद आने लगी **************** फिर तेरी याद आने लगी करवटे सताने लगी ये चाँद फिर ठहर गया चाँदनी मुरझाने लगी फिर तेरी याद आने लगी आसमाँ गुमशुम हुआ तारे दूर धूमिल हुए चंद टुकड़े बादलों के फिर मुँह चिढ़ाने लगा हवा रुख बदल बदल मुझे बहलाने लगी फिर तेरी याद आने लगी। दूर कंही बज रही शहनाई शोर सा लगा झींगुरों के झिन-झिन सताने का होड़ सा लगा चातक बिहुस उठे दिल मे एक कसक उठा नींद घबराने लगी फिर तेरी याद आने लगी। दर्द भँवर बन गया आँसूं फिर संवर गया पलको से जुदा हो जाने वो किधर गया रोम-रोम दग्ध हुआ भूले चित्र दर्श हुआ शय्या तप्त अगन हुआ पलछिन झुलसाने लगी फिर तेरी याद आने लगी।। दिलीप कुमार खाँ"अनपढ़" #तेरी याद आने लगी