संतुलन हृदय और मगज का सदा से बिगड़ा रहा, दिल क्या कभी दिमाग की भी सुनता? जितनी भी कर लो कोशिश हो जाता है सब व्यर्थ, सारा जीवन सामंज्य बनाने में ही निकालता।— % & #cinemagraph #rztask267 #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #restzone #collabwithrestzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Lopamudra Pal