इक उम्मीद की किरण ने, मुझे चलना सिखा दिया। खाली जेब ने अपने पयारे , मे अंतर बात दिया ।। और जो अच्छे बक्त मे , घूमा करते थे हमारे साथ । बुरे बक्त मे साथ छोड़ा और, अपना नकाब हटा दिया।। और जिस चेहरे को मै, साया समझता था अपना। आज उसने अपना, असली चहेरा दिखा दिया।। ©Durvesh Singh #wrongperson #durveshsingh #Journey